आज हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं एक खुबसूरत खुशबुओं से महकने वाले पौधे के बारे मे। जिसे आप गमले में , बगीचे में , छत पे कहीं भी लगा सकते है। यहाँ आपको इस पौधे की जानकारियां मिल जियेग।
गंधराज एक सुंदर, सदाबहार पौधा है जिसे आप घर में बगीचे में कही भी लगा सकते हैं। यह पौधा जापान, चीन और भारत में पाए जाते हैं! यह पौधा अपनी खुशबू के लिए पहचाना जाता है।
गंधराज की पत्तियाँ 5 से 50 cm (2.0-19.7 इंच) लंबी और 3 से 25 सेंटीमीटर (1.2–9.8 इंच) चौड़ी हो सकती हैं। पत्तो का रंग गहरा हरा और चमकदार होता है ।
गंधराज मैं फूल गुच्छों में खिलते है जो सफ़ेद रंग के होते हैं। जिसे सफ़ेद गुलाब के नाम से भी जाना जाता हैं।
गंधराज और इसकी प्रजातियां अपने खुसबू के लिए पहचाने जाते हैं। गंधराज की कुछ प्रजातियां आकार में बहुत बड़े भी हो सकते हैं। उम्र के अनुसार इस फूल के रंग मलाईदार पीले रंग में बदल जाते हैं, और छूने पर इसमें लचीलापन महसूस होता है। इनके पौधे पे पानी का फुहारा डाला जाए तो इनके फूलो का रंग बदलने लगता हैं।
गंधराज के फूल को खिलने का समय मध्य – वसंत से लेकर मध्य – गर्मियों तक होती है।
गंधराज के पौधों को दिन में कम से कम तापमान 24ºC से 28ºC तापमान चाहिए तब इनमे अच्छे से फूल आते है।
गंधराज पौधों की देखभाल
गंधराज के पौधे को रोपण से पहले इसकी मिट्टी को ठीक से तैयार करना इसके स्वस्थ विकास के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है
गंधराज के पौधे को गमले में लगाने से पहले पानी की निकासी का ध्यान रखे, इसके लिए मिटटी अच्छे से त्यार कर। मिटटी में कम्पोस्ट मिलाये और मिटटी की उर्वरकता का ध्यान रख। इस पौधे के लिए 5.0 और 6.0 के बीच pH अम्लीय मिट्टी उपयुक्त है। जैविक मिट्टी का उपयोग करें और इसे नम रखें अधिक पानी इसके लिए हानिकारक हो सकता ह। गंधराज के पौधे को वहीँ लगाए जहाँ 4 से 5 घने की धुप आती हो।